Sunday, January 17, 2010

एक कविता

बाटना चाहता हूँ मै,
सूरज की किरण
चांदनी की कोमलता
सितारों के सपने
और जीवन के दो पल
बाटना चाहता हूँ मै,
कनवास पर तुलिका का भ्रमण
आकाश रंगने का पागलपन
मानवता के मूल्यों का पतन
और भविष्य का क्रंदन
बाटना चाहता हूँ मै,
दोस्ती का सुख
दोस्ती का दुःख
बीते दिनों की दस्तानन
और आखों का गीलापन
बाटना चाहता हूँ मै......

2 comments:

  1. You are already doing it. Keep it up.
    बहुत अच्छा लगा

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  2. "Sharing is loving."
    Happiness never decreases by being shared.

    Liked ur thoughts
    Thumbs up 4 u.

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